जापान, स्विटजरलैंड के लोगों से 16 साल पहले बूढ़े हो जाते हैं भारतीय

जापान, स्विटजरलैंड के लोगों से 16 साल पहले बूढ़े हो जाते हैं भारतीय

सेहतराग टीम

यूं तो भारतीय परंपरा उम्र के पड़ावों यानी बचपन, जवानी, प्रौढ़ावस्था और बुजुर्ग अवस्‍था, सभी को समान रूप से देखने की शिक्षा देती है और इस परंपरा में हर उम्र के हिसाब से इंसानों का आचरण भी तय किया गया है। मगर तेजी से बदल रही दुनिया में भारतीयों के सोच का तरीका भी बदलता दिख रहा है।

एक नए अध्‍ययन का दावा है कि भारत में रहने वाले लोग जापान और स्विट्जरलैंड में रहने वाले लोगों की तुलना में कहीं जल्दी बुढ़ापा महसूस करने लगते हैं। यही नहीं भारतीयों में उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं भी जल्‍दी उभरने लगती हैं। ‘द लांसेट पब्लिक हेल्थ’ नामक पत्रिका में अपनी तरह का यह पहला अध्ययन प्रकाशित हुआ है।

अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में शोधकर्ताओं और उनके सहकर्मियों ने पाया कि इन देशों में सबसे अधिक और सबसे कम उम्र के लोगों के बीच लगभग 30 साल का फासला है।

उन्होंने पाया कि औसतन 65 साल के किसी व्यक्ति को होने वाली उम्र संबंधी परेशानियां और जापान एवं स्विट्जरलैंड में रहने वाले 76 साल के किसी व्यक्ति और पापुआ न्यू गिनी में रहने वाले 46 साल के व्यक्ति को होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का स्तर समान होता है। विश्लेषण में यह पता चला कि भारत में रहने वाले लोगों को सेहत संबंधी यही परेशानियां 60 की उम्र तक आते-आते महसूस होने लगती हैं।

अध्ययन की प्रधान लेखक और अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में पोस्टडॉक्टोरल शोधार्थी एंजेला वाई चांग ने कहा कि ये असमान निष्कर्ष यह दिखाते हैं कि लोगों का दीर्घायु होना या तो एक अवसर की तरह हो सकता है या आबादी के समग्र कल्याण के लिए एक खतरा। यह उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं पर निर्भर करता है।

चांग ने एक बयान में कहा, ‘उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं जल्दी सेवानिवृत्ति, कम कार्यबल और स्वास्थ्य पर अधिक खर्च का कारण बन सकती हैं। स्वास्थ्य प्रणाली की बेहतरी पर काम करने वाले सरकारी अधिकारियों और अन्य संस्थाओं को यह सोचने की जरूरत है कि लोगों पर उम्र संबंधी नकारात्मक असर कब से दिखना शुरू होता है।’ अध्ययन में ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज (जीबीडी) के अध्ययन के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है।

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